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बारिश-कविता barish poem in hindi-2022

बारिश

बारिश-कविता barish poem in hindi-rain gif


बारिश तुम कब आओगी 
खेत खलियान सब सूखे है 
खेत पड़े बंजर बैल कोल्हू प्यासे है 
ग़ालिब की गजल में होता ज़िक्र तुम्हारा 
तानसेन बारिश की धुन है गाता 
फिर भी तुम नहीं आती 
भूल चुकी बारिश भूल गयी है हमारी गली 
याद आते है वो बचपन के दिन 
बारिश के बाद पानी से भरे गड्ढो   की 
उछलते कूदते ,नहाते धोते, भागते फिरते याद आती है उन बच्चों की 
उफनती हुई नदियां खुला हुआ  सिवान
लहराते हुए धान की फसल याद आते है कीचड़ में लोगो का फिसलना 
अफसोस बदलते हुए इंसानो से बदल चुकी है बारिश 
हर मुसीबत से अनजान बनकर 
बारिश के ना होने का अंजाम है हम 


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